मैगी



जब ले आहे मैगी संगी , कुछु नइ सुहावत हे।
भात बासी ला छोड़ के , मैगी ला सब खावत हे।।
दू मिनट की मैगी कहिके , उही ला बनावत हे।
माई पिल्ला सबो झन , मिल बाँट के खावत हे।।
सब लइका ला प्यारा हावय ,  एकरे गुन ल गावत हे ।
स्कूल हो चाहे पिकनिक हो , मैगी धर के जावत हे।।
लइका हो चाहे सियान,  सबला मैगी सुहावत हे ।
कोनो कोती जावत हे ,  पहिली मैगी बनावत हे।।
कोनो आलू प्याज डार के, त कोनो सुक्खा बनावत हे।
कोनो सूप बनावत त ,  कोनो सादा खावत हे।।
फरा मुठिया के नइ हे जमाना , मैगी के  जमाना हे।
दू मिनट की मैगी बनाके  ,  माइ पिल्ला ल खाना हे।।

प्रिया देवांगन "प्रियू"
पंडरिया
जिला - कबीरधाम  (छत्तीसगढ़)
Priyadewangan1997@gmail.com

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