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Showing posts from April, 2020

अकती तिहार

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अकती तिहार ( चौपाई छंद में) बाजा बाजे मड़वा छागे , पुतरा पुतरी अकती आ गे। नोनी बाबू नाचन लागे , सबझन के अब भाग ह जागे। कोनों डारा पाना लावै , कोनों मड़वा छावन लागै। बाजे अब्बड़ गड़वा बाजा , सजगे हावय दुल्हा राजा। सकलाये हे सबझन पारा , नेउता हवय झारा झारा। टूरा मन सब बनय बराती , टूरी मन हा हवय घराती।। रंग रंग के गाना गावय , हरदी तेल ल अबड़ चढ़ावय। दुल्हा दुल्ही भाँवर पारै , पारा भर टीकावन डारै।। हँसी ठिठोली अब्बड़ होवय , बीदा देवय दाई रोवय। पुतरी पुतरा होय बिदाई , आहू सबझन दाई माई।। महेन्द्र देवांगन माटी पंडरिया छत्तीसगढ़ 8602407353 Mahendra Dewangan Mati @

कोरोना के डर

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कोरोना के डर गली खोर हा सुन्ना परगे, घर में सबो धँधाये हे। गोल्लर कस घूमे जे टूरा , खूँटा आज बँधाये हे।। जावत हे जे एती ओती, अब्बड़ डंडा खावत हे। सुसके सुसके घर में आवत, कोनों ल नइ बतावत हे।। कोरोना के खेल ल देखव, कइसे नाच नचावत हे। मचगे हाहाकार ग संगी, रोजे इही बतावत हे।। खुसरे खुसरे नोनी बाबू, विडियो अबड़ बनावत हे। गर्रा टोंटा हाबे तब ले, सुर ला अबड़ लमावत हे।। नाती नतरा खेलत हावय, डोकरी ह खेलावत हे। किसम किसम के बात बता के, डोकरा ह झेलावत हे।। निकलो झन अब कोनों घर ले, सब ला इही बतावत हे। कोरोना ह भागही भैया , जनता ला समझावत हे।। महेन्द्र देवांगन माटी पंडरिया छत्तीसगढ़

संकट की घड़ी

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संकट की घड़ी दाऊ मंगल सिंह का भरा पूरा परिवार था। घर पर बेटे बहू पोती पोता सब खुशी से रहते थे । दाऊ जी रिटायरमेंट के बाद अधिकांश समय अपने पोते पोतियों के साथ बिताते थे। बाजार से सब्जी लाना व राशन का सामान लाना उनकी ही जिम्मेदारी थी । वह भी खुश रहता था,  क्योंकि बाजार में दो चार मित्रों से मुलाकात हो जाती थी और समय भी कट जाता था। लाकडाउन का पालन परिवार के सभी लोग करते थे। दाऊ जी खुद किसी को बाहर नहीं निकलने देते थे। मुहल्ला पूरा सुनसान नजर आता था। राशन सामान के खतम होने पर एक दिन उसकी पत्नी सामान लाने के लिए बोली। दाऊ जी खुशी खुशी सामान लेने चले गए । जाते वक्त घर के सभी लोग उसे समझाने लगे कि किसी से ज्यादा बातचीत मत करना । दूरी बनाकर रहना। किसी को छूना मत।मुँह में माश्क लगाये रहना आदि आदि । दाऊ जी जब दुकान में गये तो उस दिन कुछ ज्यादा ही भीड़ थी । इसलिए उसे घर आने में देर हो गई । उसकी पत्नी थोड़ा चिल्लाई भी । दाऊ जी ने कहा  - अरे भागवान दुकान में भीड़ थी इस कारण देर हो गया । दाऊ जी हाथ मुँह धोकर बैठे थे कि अचानक उसे बुखार आना शुरु हो गया । शरीर तीपने लगा।गला सुखने लगा। घर के