शारदे वंदन चरण कमल में तेरे माता, अपना शीश झुकाते हैं । ज्ञान बुद्धि के देने वाली, तेरे ही गुण गाते हैं ।। श्वेत कमल में बैठी माता, कर में पुस्तक रखती है । राजा हो या रंक सभी ...
राम नाम जप ले राम नाम ला जप ले भैया, इही काम गा सब आही । चारे दिन के हावय जिनगी, सँग मा तोरे का जाही ।।1।। कतको रखबे दौलत तैंहा , सब माटी मा मिल जाही । कुटुम कबीला जम्मो झन हा, लूट ...
पेड़ लगावव (कुकुभ छंद) पेड़ लगावव मिलजुल संगी , तभे तुमन फल पाहू जी । बड़का होही बिरवा तब तो , सबझन छँइहा पाहू जी ।।1।। मिलही छ़ँइहा घर अँगना मा , पंछी के होही डेरा । चिरई चिरगुन चह...