आतंकवादी



भारत माँ के रक्षा खातिर  ,  कूद परे हे वीर जवान ।
गोला बारुद फेंकत हावय , कर बैरी ला लहू लुहान ।।
आँख देखाथे बैरी जेहा , ओकर आँखी देबो फोर ।
चेत जही जी देखे बर वो , नस नस ला हम देबो टोर ।।
बार बार चेतावत हावन , सुन रे बैरी पाकिस्तान ।
कहना हमर मान ले तैंहा , ले लेबो अब तोरे जान ।।
आतंकी के सेवा करथस , मानाथस तैं ओकर बात ।
कठपुतली कस नाच नचाथे , देखे हन तोरे औकात ।।
कुकुर गती हो जाही तोरे , सुन ले अपन खोल के कान ।
दस हाथी के ताकत रखथे , भारत माँ के एक जवान ।।
छेड़े हस तैं हमला तैंहा , नइ देवय अब कोनों साथ ।
बिच्छी मंतर जानत नइ हस , साँप बिला मा डारे हाथ ।।
माँग प्रेम से तैहर हमला , दूध नहीं हम देबो खीर ।
अउ माँगबे कश्मीर तैंहा , उही जगा हम देबो चीर ।।

महेन्द्र देवांगन माटी
पंडरिया छत्तीसगढ़
8602407353
Mahendra Dewangan Mati

आल्हा छंद
नियम  - 16 + 15 = 31 मात्रा
पदांत -- गुरु लघु
अतिश्योक्ति अंलकार

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