वेलेंटटाइन डे के चक्कर

वेलेंटटाइन डे के चक्कर में , मँहू एक ठन गुलाब लानेव ।
हैप्पी वेलेंटटाइन डे कहिके , अपन बाई ल थमायेंव ।

वोला देखिस बाई ह , वहू ह लजा गे ।
यहा उमर में तोला , का जवानी छा गे ।

दे के दिन मे दे नइ हस , अब गुलाब देवत हस ।
छुछू कस मुंहू लमा के , फोकट के चुमा लेवत हस ।

नून तेल के चिंता नइहे  , फूल ल धर के लानत हस ।
मोर अइसने जी बगियाय हे , अउ जरे मा नून डारत हस ।

मेंहा कहेंव --
चार दिन के जिनगी पगली , आ हाँस के गोठिया ले ।
का राखे हे जिनगी में,  चल वेलेंटटाइन डे मना ले ।

वोहा कहिथे --
का होगे तोला , बड़ आशियाना मूड देखावत हस ।
चुंदी दाँत झरगे तभो ले , अपन थोथना ल लमावत हस ।

अरे लोग लइका के चिंता कर , ये तो विदेशी संस्कृति आय ।
हमर मया तो जनम जनम तक हे , हमर बर तो रोज वेलेंटटाइन डे आय ।

ये झोला ल धर , अउ साग भाजी लान ।
ये जगा ले सोज बाय , अपन मुंहू ल टार ।

झोला ल धरा के वोहा , भीतरी में खुसर गे ।
वेलेंटटाइन डे के भूत ह , मोरो मूड़ ले उतर गे ।

गयेंव बजार मा अउ गुलाब नहीं  , अब गोभी के फूल ल लायेंव ।
ये ले मोर रानी कहिके  , ओकर हाथ मे थमायेंव ।

फूल गोभी ल देख के , ओहा बड़ खुश होइस ।
वा मोर राजा कहिके  , दूनों गाल ल चुमा लेइस ।

ओकर प्रेम ल देख के , मेंहा हाँस पारेंव ।
का होथे वेलेंटटाइन डे , अब मेंहा जान पारेंव ।

महेन्द्र देवांगन माटी
पंडरिया छत्तीसगढ़
8602407353
Mahendra Dewangan Mati @

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