बसंती हवा
बसंती हवा ************* लाल लाल फूले हे , परसा के फूल । बांधे हे पेड़ मा , झूलना ला झूल । पिंयर पिंयर दिखत हे, सरसों के खेत । गाय गरु चरत हे , करले थोकिन चेत । टप टप टपकत हावय , मऊहा के फर । बीन बीन के टूरी तैं , झंऊहा मा धर । आये हे बसंत रितु, चलत हे बयार । मेला घूमे ला जाबोन, रहिबे तइयार । आवत हे होली अऊ , गाबोन जी फाग । मय गाहूं गाना अऊ , तैं झोंकबे राग । मटक मटक रेंगत हे , मोटियारी टूरी । खन खन बजावत हे , हाथ के चूरी । फुरुर फुरुर चलत हे , बसंती हवा । मटकावत हे आंखी, पहिरे कपड़ा नवा । आमा बगीचा मा, कोयली ह मारत कूक । आज मोरो मन ह , करत हे धूक धूक । महेन्द्र देवांगन माटी (बोरसी - राजिम वाले ) पंडरिया (कवर्धा ) 8602407353 Mahendra Dewangan Mati