योग करो
योग करो
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योग करो भई योग करो ,
सुबे शाम सब योग करो ।
मिल जुल के सब लोग करो ,
ताज़ा हवा के भोग करो ।
योग करो भई योग करो ।।
जल्दी उठ के दंउड लगाओ,
आगे पीछे हाथ घुमाओ ।
कसरत अऊ दंड बैठक लगाओ ,
शरीर ल निरोग बनाओ ।
प्राणायाम अऊ ध्यान करो ।
योग करो भई योग करो ।।
सुबे शाम सब घुमे ल जाओ ,
शुद्ध हवा ल रोज के पाओ ।
ताजा ताजा फल ल खाओ ,
शरीर ल मजबूत बनाओ ।
नियम संयम के पालन करो ,
योग करो भई योग करो ।।
जेहा करथे रोज के योग ,
वोला नइ होवय कुछु रोग ,
उमर ओकर बढ़ जाथे ,
हंसी खुशी से दिन बिताथे ।
रोज हाँस के जीये करो ।
योग करो भई योग करो ।।
रात दिन के चिंता छोड़ ,
योग से अपन नाता जोड़ ।
नशा पानी ल तैंहा छोड़ ,
बात मान ले तैंहा मोर ।
लइका सियान सब लोग करो ,
योग करो भई योग करो ।।
योग करो भई योग करो
सुबे शाम सब योग करो .................
महेन्द्र देवांगन माटी
पंडरिया (कबीरधाम )
छत्तीसगढ़
8602407353
Mahendra Dewangan Mati
Pandaria @
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