चोका
चोका / हाइकु
(1) *पेड़ लगाओ*
पेड़ लगाओ
हरा भरा बनाओ
खुशी मनाओ
ताजा फल को खाओ ।
शुद्धता लाओ
प्रदुषण भगाओ ।
स्वस्थ जीवन
पेड़ों से होती वर्षा
जीवनाधार
संतुलित आहार ।
ताजगी पाओ
वृक्ष सभी लगाओ
खुशी के गीत गाओ ।
(2) *फूल*
खिलते फूल
कलियाँ मुस्कुराये
उड़ते धूल
प्रदुषण फैलाये ।
तितली आई
सब गुनगुनाये
महके फूल
बागों में होते शोर
वन मा नाचे मोर ।
(3) *बसंत*
आया बसंत
खिलते तन मन
खुशी अनंत
जिसका नहीं अंत ।
कोयल गाये
मन खुशी समाये
पत्ते खड़के
मन मेरा धड़के ।
आया संदेश
मौसम भी सुहाना
प्यारा लगे गाना ।
(4) *पक्षी*
पक्षी चहके
मुंडेर पर आये
दाना चुगते
गीत गुनगुनाये ।
बच्चों को भाये
दिन भर फुदके
आकाश चूमें
उड़ना भी सीखाये
नहीं थकते
हरदम उड़ते
तिनका लाती
घोसला भी बनाती
मेहनत करती ।
(5) *नेता*
देश का नेता
खादी है पहचान
पहने टोपी
काम का पैसा लेता ।
सेवा करते
जेब पूरा भरते
दाँत दिखाते
आगे पीछे घुमाते ।
देश को लूटे
करते वादा झूठे
करम फूटे
लोगों को तरसाते
कभी नहीं बनाते ।
(6) *मजदूर*
रोटी खातिर
मेहनत करते
सुबह जाते
दिन ढले ही आते ।
माथ पसीना
चिलचिलाती धूप
मुश्किल जीना
केवल पानी पीना ।
घर में आते
बच्चे राह ताकते
राशन लाते
मिलकर बनाते
बाँटकर ही खाते ।
(7) *स्कूल चलें*
हंसते गाते
पुस्तक कापी लिए
दोस्तों के साथ
साइकिल चलाते ।
मस्ती करते
कुतिया को दौड़ाते
कभी चिढाते
कीचड़ उछालते ।
खूब छकाते
दोस्तों को लड़वाते
मजा उड़ाते
पुस्तक को छुपाते ।
खुद छुपते
बच्चे स्कूल को जाते ।
भाषा पढ़ते
जीवन भी गढ़ते ।
आगे बढ़ते
गुणा भाग सीखते ।
भाग्य लिखते
जग पहचानते ।
सेवा करते
नाम ऊँचा करते
आगे बढ़ते
हंसकर पढ़ते ।
अच्छी जिंदगी
जीकर गुजारते
इज्जत भी कमाते ।
(8) *बिटिया रानी*
बिटिया रानी
सबके मन भाती
लगती प्यारी
नानी संग खेलती ।
दौड़ लगाती
घर भर घूमती
पानी भरती
खिलौने को तोड़ती ।
कभी लड़ती
कभी खिलखिलाती
मजा उड़ाती
गीत गुनगुनाती ।
तंग करती
खिलौने को माँगती
झाड़ू लगाती
दादी के साथ जाती ।
राशन लाती
पीठ पर चढ़ती
मस्ती करती
बहुत मचलती ।
सबकी प्यारी
लगे राजदुलारी ।
है तुतलाती
सबको समझाती
गजब ढाती
अम्मा भी बन जाती ।
ब्याह रचाती
कपड़े पहनाती
खेल खेलती
अपने से सजती
सुंदर भी लगती ।
रचना
महेन्द्र देवांगन "माटी"
पंडरिया (कबीरधाम )
छत्तीसगढ़
8602407353
@Mahendra Dewangan Mati
नियम -- 5+7+5+7+5+7 ........7+7
जापानी विधा की कविता ।
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