पेड़ लगाव

पेड़ लगाव
सबझन पेड़ लगाव जी, मीठा फल ला पाव जी ।
जतन करव तुम रोज के, पानी डारव खोज के ।।

मिलही सब ला छाँव जी, सुंदर दिखही गाँव जी ।
जरय नहीं तब पाँव जी, होही तुहँरे नाँव जी ।।

कौंवा करही काँव जी, चिरई चिरगुन चाँव जी ।
पहुना आही गाँव जी, सुरताही वो छाँव जी ।।

शुद्ध हवा ला पाव जी, अब्बड़ पेड़ लगाव जी ।
ताजा फल ला खाव जी, पहिली पेड़ लगाव जी ।।

महेन्द्र देवांगन माटी
     पंडरिया
छत्तीसगढ़
@Mahendra Dewangan Mati

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