मंदार माला सवैया


मंदार माला सवैया

कन्हैया
बंशी बजाके सुनाये कन्हैया नदी के किनारे नचाये सबो ।
गैया चराये सखा संग जाये धरे गेंद छोटे ल खेले सबो ।
राधा ह आये मने मा हँसे पाँव पैरी बजाये त देखे सबो ।
नाचे कन्हैया रचाये ग लीला मजा लेय ताली बजाये सबो ।

महेन्द्र देवांगन माटी
पंडरिया छत्तीसगढ़

विधान ---
7 तगन + गुरु
221 × 7 + 2

Comments

Popular posts from this blog

तेरी अदाएँ

अगहन बिरसपति

वेलेंटटाइन डे के चक्कर