चुनाव


चुनाव

आ गे हवय चुनाव,  सोच के वोट ल देहू ।
देही लालच रोज,  कभू झन पइसा लेहू ।।
कहना माटी मान , वोट के कीमत जानव ।
करय सबो के काम , उही ला नेता मानव ।।
पाँच साल मा आत हे , नेता मन हा गाँव जी ।
जीतथे जब चुनाव ला , खाथे अब्बड़ भाव जी ।।

महेन्द्र देवांगन "माटी"

Comments

Popular posts from this blog

तेरी अदाएँ

अगहन बिरसपति

वेलेंटटाइन डे के चक्कर