झांझ चलत

झांझ चलत भाई, झांझ चलत ।
सरी मंझनिया , झांझ चलत ।
एसो गरमी, बहुत परत ।
झांझ चलत , भाई झांझ चलत ।
सुक्खा गेहे , सब रुख राई ।
बांचे नइहे, एको पत्ता भाई ।
चिरई चिरगुन , पियास मरत ।
झांझ चलत भाई, झांझ चलत।
सरी मंझनिया , झांझ चलत ।

महेन्द्र देवांगन माटी ✍
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