हाइकु

हाइकु

(1) पेड़ लगाओ
     फल फूल भी खाओ
     मौज मनाओ ।

(2) चलते राही
     छांव मिले न कहीं
     कटते पेड़ ।

(3) जंगल साफ
    माफियाओं का राज
     आते न बाज ।

(4)  टूटी है डाली
        कैसे बचाये माली
      क्यों देते गाली ।

(5)  जल बचाओ
      गली में न बहाओ
     प्यास बुझाओ ।

रचना
महेन्द्र देवांगन "माटी"
गोपीबंद पारा पंडरिया
जिला -- कबीरधाम  (छ ग )

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