मदर डे

वाह रे जमाना, कइसे "मदर डे " मनावत हे ।
बात ल मानत नइहे, वाटसप ल चलावत हे ।
दुनिया भरके ग्रुप में, बधाई सबला देवत हे ।
खटिया में परे हे दाई, कोनों सुध नइ लेवत हे ।
जानो मानों श्रवण कस, भक्ति ल देखावत हे ।
मांगत हाबे पानी दाई, तब अब्बड़ खिसियावत हे
उपर छावा बधाई भेज के, मदर डे मनावत हे ।
आनी बानी के फोटो खींचके, जी ल कल्लावत हे।
मां तो हरे करुणा के मूरती, दुख ओकर पहिचानव
एक दिन से कुछु नइ होये, रोज मदर डे मनावव ।
रोज मदर डे मनावव, रोज मदर डे मनावव ।
महेन्द्र देवांगन माटी ♏✍
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