पानी हे अनमोल
पानी हे अनमोल
पानी हे अनमोल संगी , पानी ल तुम बचावव।
सही उपयोग करो मिल के , जादा झन गँवावव।।
पानी जिनगी के अधार हरे , येला तुमन जानव।
पानी बिन हे जग अंधियार , येला सबझन मानव।।
एक एक बूँद पानी के जी , बहुते हे अनमोल।
एक बूंद से जिनगी मिलत , एकर समझो मोल।।
पानी से होवत दिन सबो के , पानी से होवत शाम।
गरमी में जो पानी पियाथे , ओकर बाढ़थे मान।।
चिरई चिरगुन ल पानी पियाव , रख दो कटोरी में पानी।
पानी नई मिलही कोनो ल , त याद आ जाही नानी।।
कु. प्रिया देवांगन "प्रियू"
पंडरिया पंडरिया
छत्तीसगढ़
पानी हे अनमोल संगी , पानी ल तुम बचावव।
सही उपयोग करो मिल के , जादा झन गँवावव।।
पानी जिनगी के अधार हरे , येला तुमन जानव।
पानी बिन हे जग अंधियार , येला सबझन मानव।।
एक एक बूँद पानी के जी , बहुते हे अनमोल।
एक बूंद से जिनगी मिलत , एकर समझो मोल।।
पानी से होवत दिन सबो के , पानी से होवत शाम।
गरमी में जो पानी पियाथे , ओकर बाढ़थे मान।।
चिरई चिरगुन ल पानी पियाव , रख दो कटोरी में पानी।
पानी नई मिलही कोनो ल , त याद आ जाही नानी।।
कु. प्रिया देवांगन "प्रियू"
पंडरिया पंडरिया
छत्तीसगढ़
bahut accha
ReplyDeleteबहुत बढ़िया
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