करवा चौथ


करवा चौथ
( सरसी छंद)

आज सजी है देखो नारी, कर सोलह श्रृंगार ।
करे आरती पूजा करके , पाने पति का प्यार ।।

पायल बाजे रुनझुन रुनझुन , बिन्दी चमके माथ ।
मंगलसूत्र गले में पहने , लगे मेंहदी हाथ ।।

करवा चौथ लगे मन भावन, आये बारम्बार ।
आज सजी है देखो नारी,  कर सोलह श्रृंगार ।।

रहे निर्जला दिनभर सजनी , माँगे यह वरदान ।
उम्र बढे हर दिन साजन का , बने बहुत बलवान ।।

छत के ऊपर देखे चंदा , खुशियाँ मिले अपार ।
भोली सी सूरत को देखे , सजन लुटाए प्यार ।।

सुखी रहे परिवार सभी का, जुड़े ह्रदय का तार।
आज सजी है देखो नारी,  कर सोलह श्रृंगार ।।

रचना
महेन्द्र देवांगन माटी
पंडरिया छत्तीसगढ़
@ Mahendra Dewangan Mati 


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