बदला लेबो ( शहीदों को नमन )

आतंकी के होवत हमला , सेना ऊपर फेंकत बम ला ।
बढगे हावय अत्याचारी , रोवत घर मा सब नर नारी ।
लाश परे हे एती ओती , बिखरे हावय चारों कोती ।
टूटे जइसे माला मोती , बुझगे कतको घर के जोती ।

सेना ला अब छोड़व खुल्ला , मार भगा आतंकी मुल्ला ।
पाकिस्तान में फोड़व गोला , कर दे तांडव बमबम भोला ।
*पुलवामा* के बदला लेवव , मुड़ी काट के हाथ म देवव ।
बैरी के अब बाजू काटव ,  कउवाँ चील म ओला बाँटव ।

लहू सबो के खौलत हाबे , भाग कहाँ अब तैंहर जाबे ।
कब तक बकरा खैर मनाबे, धार छुरी हे अभी पुजाबे ।
बोटी बोटी तोला करबो ,  खड़री निछके मिरचा भरबो ।
चाहे जान भले दे देबो ,  फेर तोर ले  बदला लेबो ।

महेन्द्र देवांगन माटी
पंडरिया  (कवर्धा)
छत्तीसगढ़
Mahendra Dewangan Mati

Comments

  1. बहुत सुन्दर सृजन माटी जी ।
    हम रहें या ना रहें,
    पर देश होना चाहिए !
    भागवत जगत भूमिल

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  2. तोर छाती म बदला के गोला भरबो...रे...

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