बसंत बहार
ऋतु बसंत का मौसम आया , सभी ओर खुशहाली छाया ।
बाग बगीचा सुंदर दिखते , खुश होकर सब कविता लिखते ।
फूल खिले हैं डाली डाली, खेतों में गेहूँ की बाली ।
चना मटर सरसों सब फूले , चिड़िया चहके झूला झूले ।
कोयल कूके अमवा डाली , सुंदर दिखते परसा लाली ।
ऋतु बसंत की महिमा भारी , झूमे नाचे सब नर नारी ।
महेन्द्र देवांगन माटी
पंडरिया छत्तीसगढ़
8602407353
Mahendra Dewangan Mati
बाग बगीचा सुंदर दिखते , खुश होकर सब कविता लिखते ।
फूल खिले हैं डाली डाली, खेतों में गेहूँ की बाली ।
चना मटर सरसों सब फूले , चिड़िया चहके झूला झूले ।
कोयल कूके अमवा डाली , सुंदर दिखते परसा लाली ।
ऋतु बसंत की महिमा भारी , झूमे नाचे सब नर नारी ।
महेन्द्र देवांगन माटी
पंडरिया छत्तीसगढ़
8602407353
Mahendra Dewangan Mati
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