तोर शरण मा आँवव

तोर शरण मा आँवव
जय अंबे जगदंबे भवानी, तोर महिमा ला गाँवव ।
दरशन दे दे मोला माता, तोर शरण मा आँवव ।
लकलक लकलक तोर रुप हे , अष्ट भुजा अवतारी ।
जगत के संकट तैंहर हरथस, सबके तैं महतारी ।
तोला छोड़ के मँय हर माता, अऊ कहां मँय जाँवव ।
दरशन दे दे मोला ............................
तोर अँगना ला लीप पोंछ के, सुंदर चँऊक पुरायेंव ।
सुंदर सजे हे रंग रंगोली , ध्वजा पताका लगायेंव ।
चंदन बंदन रोला टीका, कपुरी पान चढावँव ।
दरशन दे दे मोला .............................
तोर दरश ला पाये खातिर, सब नर नारी आथे ।
फल फूल अऊ नरियर भेला, सब झन तोला चढाथे ।
मँहू आये हँव तोर ठऊर मा , छप्पन भोग लगावँव ।
दरशन दे दे मोला  ...........................
महेन्द्र देवांगन माटी
   पंडरिया (कबीरधाम )
छत्तीसगढ़
@ Mahendra Dewangan Mati
Pandaria chattisgarh
Dist - Kabirdham

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