वेलेंटटाइन डे के चक्कर में , मँहू एक ठन गुलाब लानेव । हैप्पी वेलेंटटाइन डे कहिके , अपन बाई ल थमायेंव । वोला देखिस बाई ह , वहू ह लजा गे । यहा उमर में तोला , का जवानी छा गे । दे के दिन मे दे नइ हस , अब गुलाब देवत हस । छुछू कस मुंहू लमा के , फोकट के चुमा लेवत हस । नून तेल के चिंता नइहे , फूल ल धर के लानत हस । मोर अइसने जी बगियाय हे , अउ जरे मा नून डारत हस । मेंहा कहेंव -- चार दिन के जिनगी पगली , आ हाँस के गोठिया ले । का राखे हे जिनगी में, चल वेलेंटटाइन डे मना ले । वोहा कहिथे -- का होगे तोला , बड़ आशियाना मूड देखावत हस । चुंदी दाँत झरगे तभो ले , अपन थोथना ल लमावत हस । अरे लोग लइका के चिंता कर , ये तो विदेशी संस्कृति आय । हमर मया तो जनम जनम तक हे , हमर बर तो रोज वेलेंटटाइन डे आय । ये झोला ल धर , अउ साग भाजी लान । ये जगा ले सोज बाय , अपन मुंहू ल टार । झोला ल धरा के वोहा , भीतरी में खुसर गे । वेलेंटटाइन डे के भूत ह , मोरो मूड़ ले उतर गे । गयेंव बजार मा अउ गुलाब नहीं , अब गोभी के फूल ल लायेंव । ये ले मोर रानी कहिके , ओकर हाथ मे थमायेंव । ...
Comments
Post a Comment