शिक्षा दान
शिक्षा दान
(दोहे)
जाओ शाला रोज के, तभी मिलेगा ज्ञान ।
नाम करो इस देश का,बनो सभी विद्वान ।।
शिक्षा धन अनमोल है, कीमत इसकी जान।
नहीं होय शिक्षा बिना, मानुष का सम्मान ।।
मिले कहीं भी ज्ञान तो, बैठो उसके पास।
सुनो ध्यान से बात को, मन में रखकर आश।।
भेदभाव को छोड़ कर, बाँटो सब में ज्ञान ।
जो बाँटे हैं ज्ञान को , बने वही विद्वान ।।
शिक्षा दान अमोल है, मन में खुशियाँ लाय।
बाँटो जितना ज्ञान को , उतना बढ़ता जाय।।
बनो नहीं कंजुस कभी, खुलकर बाँटो ज्ञान ।
इधर उधर सब छोड़कर, पुस्तक पर दो ध्यान ।।
पढो लिखो सब प्रेम से, बन जाओ विद्वान ।
खोज करो हर रोज सब,ज्ञान और विज्ञान ।।
कर लो शिक्षा दान सब, कर्म करो यह पुण्य ।
मिले शांति मन को तभी, नहीं रहेगा शून्य ।।
महेन्द्र देवांगन माटी
पंडरिया छत्तीसगढ़
Mahendra Dewangan Mati
बढ़िया लेखन
ReplyDeleteस्वागत है
आज सांध्य मुखरित मौन पर आपकी एक रचना का लिंक लगा है
शाम 5.00 बजे आइएगा आप
सादर
धन्यवाद मैडम जी
Delete'सरहद' शब्द पर एक रचना लिखिए
ReplyDeleteशुक्रवार तक
सादर
बहुत बढ़िया दोहे
ReplyDeleteबधाई हो