अकती तिहार
अकती तिहार
( चौपाई छंद में)
बाजा बाजे मड़वा छागे , पुतरा पुतरी अकती आ गे।
नोनी बाबू नाचन लागे , सबझन के अब भाग ह जागे।
कोनों डारा पाना लावै , कोनों मड़वा छावन लागै।
बाजे अब्बड़ गड़वा बाजा , सजगे हावय दुल्हा राजा।
सकलाये हे सबझन पारा , नेउता हवय झारा झारा।
टूरा मन सब बनय बराती , टूरी मन हा हवय घराती।।
रंग रंग के गाना गावय , हरदी तेल ल अबड़ चढ़ावय।
दुल्हा दुल्ही भाँवर पारै , पारा भर टीकावन डारै।।
हँसी ठिठोली अब्बड़ होवय , बीदा देवय दाई रोवय।
पुतरी पुतरा होय बिदाई , आहू सबझन दाई माई।।
महेन्द्र देवांगन माटी
पंडरिया छत्तीसगढ़
8602407353
Mahendra Dewangan Mati @
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