नरवा गरवा घुरुवा बारी

नरवा गरवा घुरवा बारी , जतन करव संगवारी ।
छत्तीसगढ़ ह आघू बढही , इही हमर चिन्हारी ।।
नरवा ल सब बाँध के राखव , काम सबो के आही ।
जीव जंतु अउ बारी बखरी , सबके प्यास बुझाही ।।
खेती करबो मिल के संगी , पानी पलही बारी ।
छत्तीसगढ़ ह आघू बढही , इही हमर चिन्हारी ।।
नरवा गरवा ..............................

जतन करव सब गरवा मन के , अब्बड़ नफ्फा हाबे ।
मिलही गोबर छेना सब ला , दूध दही ला पाबे ।।
लक्ष्मी मानव येला संगी , बाँधव घरे  दुवारी ।
छत्तीसगढ़ ह आघू बढही , इही हमर  चिन्हारी ।।
नरवा गरवा .................................

गोबर कचरा पैरा माटी,  घुरवा मा सब डारव ।
साफ सफाई राखव घर मा , कचरा ला सब टारव ।।
गोबर खातु खेत मा डारव , होय फसल गा भारी ।
छत्तीसगढ़ ह आघू बढ़ही , इही हमर चिन्हारी ।।
नरवा गरवा ......................................

बारी बखरी बोंवव सबझन  , भाजी पाला खावव ।
बेंचव टोर बजार म संगी , अब्बड़ पइसा पावव ।।
बढ़ही सबके आमदनी हा , योजना हे सरकारी ।
छत्तीसगढ़ ह आघू बढ़ही , इही हमर चिन्हारी ।।
नरुवा गरुवा ....................................

महेन्द्र देवांगन माटी
पंडरिया  ( कवर्धा)
छत्तीसगढ़
8602407353
Mahendra Dewangan Mati

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