फागुन की मस्ती
फागुन आया मस्ती लाया , रंग गुलाल उड़ाये ।
बाग बगीचा सुंदर दिखते , भौंरा गाना गाये ।।
पीले पीले सरसों फूले , खेतों में लहराये ।
सोने जैसे गेहूँ बाली , सबके मन को भाये ।।
खुश होकर के नाचे गोरी , आँचल को लहराये ।
बाग बगीचा सुंदर दिखते , भौंरा गाना गाये ।।
ढोल नँगाड़ा बाज रहे हैं, फाग गीत सब गाये ।
बच्चे बूढ़े सभी जनों ने , मिलकर शोर मचाये ।।
खेले होली रंग लगाये , कीचड़ बहुत उछाले ।
आते न पहचान कोई अब , पक्का रँग सब डाले ।।
माटी की सौंधी खुशबू भी , सबके मन को भाये ।
बाग बगीचा सुंदर दिखते , भौंरा गाना गाये ।।
( सार छंद में)
महेन्द्र देवांगन माटी
पंडरिया छत्तीसगढ़
8602407353
Mahendra Dewangan Mati
बाग बगीचा सुंदर दिखते , भौंरा गाना गाये ।।
पीले पीले सरसों फूले , खेतों में लहराये ।
सोने जैसे गेहूँ बाली , सबके मन को भाये ।।
खुश होकर के नाचे गोरी , आँचल को लहराये ।
बाग बगीचा सुंदर दिखते , भौंरा गाना गाये ।।
ढोल नँगाड़ा बाज रहे हैं, फाग गीत सब गाये ।
बच्चे बूढ़े सभी जनों ने , मिलकर शोर मचाये ।।
खेले होली रंग लगाये , कीचड़ बहुत उछाले ।
आते न पहचान कोई अब , पक्का रँग सब डाले ।।
माटी की सौंधी खुशबू भी , सबके मन को भाये ।
बाग बगीचा सुंदर दिखते , भौंरा गाना गाये ।।
( सार छंद में)
महेन्द्र देवांगन माटी
पंडरिया छत्तीसगढ़
8602407353
Mahendra Dewangan Mati
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