मुंदरहा ले उठके, कूकरा ह चिल्लावत हे बिहनिया होगे कहिके, सबला बतावत हे फूल गेहे चारो कोती ,फूलवारी में फूल माटी म खुसबू ल,गाँव भर बगरावत हे । बिहनिया के जय जोहार महेन्द्र दे...
वाह रे जमाना, कइसे "मदर डे " मनावत हे । बात ल मानत नइहे, वाटसप ल चलावत हे । दुनिया भरके ग्रुप में, बधाई सबला देवत हे । खटिया में परे हे दाई, कोनों सुध नइ लेवत हे । जानो मानों श्रवण कस, ...
गरमी की छुट्टी *************** स्कूल की अब हो गई छुट्टी धमा चौकड़ी मचा रहे हैं । दिन भर नाचे कूदे बच्चे मम्मी पापा को सता रहे हैं । नहीं सोते दोपहर में भी टी वी मोबाइल चला रहे हैं । तेज आवा...
रुख राई ल काट के सब, प्रदुसन ल बढावत हे। अपन हाथ में खुद आदमी, बिमारी ल बढावत हे। बड़े बड़े पेड़ ल काट के, सोफा पलंग बनावत हे । गददा लगाके सुतत हे, तभो नींद नइ आवत हे। घर के बगल में ...
हलाकान *************** गरमी के मारे सब, होवत हे हलाकान , चिरई चिरगुन प्यासे हे, कइसे बांचही परान। सूरज देवता के ताप में, भुंईयां ह जरत हे रुख राई के पत्ता झरगे,पऊधा मन मरत हे। छेरी पठरु भूख म...
(मजदूर दिवस पर मोर कविता ) बिहनिया ले उठ के, रोज कमाय बर जाना हे। रापा कुदारी गैंती बसुला, इही हमर बाना हे । पानी गिरे चाहे घाम करे, हमला रोज कमाना हे। नइ जानन हम इडली डोसा, चटनी बा...
हाइकु (1) पेड़ लगाओ फल फूल भी खाओ मौज मनाओ । (2) चलते राही छांव मिले न कहीं कटते पेड़ । (3) जंगल साफ माफियाओं का राज आते न बाज । (4) टूटी है डाली कैसे बचाय...
नाना की पिटारी में ***************** बढ़िया बढ़िया खेल खिलौने, नाना की पिटारी में । आओ झूमे नाचे गाये , नाना की पिटारी में । छुकछुक छुकछुक रेलगाड़ी, नाना की पिटारी में । सैर करे हम जंगल झाड़...