छत्तीसगढ़ी भासा

छत्तीसगढ़ी भासा ल पढबो अऊ पढाबोन

हमर राज ल जुर मिलके, सबझन आघू बढाबोन ।

नोनी पढही बाबू पढही, पढही लइका के दाई ।

डोकरा पढही डोकरी पढही, पढही ममा दाई ।

इसकूल आफिस सबो जगा,छत्तीसगढ़ी में गोठियाबोन।

अपन भासा बोली ल, बोले बर कार लजाबोन ।

कतको देश विदेश में पढले, फेर छत्तीसगढ़ी ल नइ भुलावन ।

अपन रिती रिवाज ल संगी , कभू नइ  गंवावन ।

काम काज के भासा घलो, छत्तीसगढ़ी ल बनाबोन ।

देश विदेश सबो जगा, एकर मान बढाबोन ।

रचना
महेन्द्र देवांगन "माटी "
    पंडरिया
8602407353

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