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आतंकवादी

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भारत माँ के रक्षा खातिर  ,  कूद परे हे वीर जवान । गोला बारुद फेंकत हावय , कर बैरी ला लहू लुहान ।। आँख देखाथे बैरी जेहा , ओकर आँखी देबो फोर । चेत जही जी देखे बर वो , नस नस ला हम देबो टोर ।। बार बार चेतावत हावन , सुन रे बैरी पाकिस्तान । कहना हमर मान ले तैंहा , ले लेबो अब तोरे जान ।। आतंकी के सेवा करथस , मानाथस तैं ओकर बात । कठपुतली कस नाच नचाथे , देखे हन तोरे औकात ।। कुकुर गती हो जाही तोरे , सुन ले अपन खोल के कान । दस हाथी के ताकत रखथे , भारत माँ के एक जवान ।। छेड़े हस तैं हमला तैंहा , नइ देवय अब कोनों साथ । बिच्छी मंतर जानत नइ हस , साँप बिला मा डारे हाथ ।। माँग प्रेम से तैहर हमला , दूध नहीं हम देबो खीर । अउ माँगबे कश्मीर तैंहा , उही जगा हम देबो चीर ।। महेन्द्र देवांगन माटी पंडरिया छत्तीसगढ़ 8602407353 Mahendra Dewangan Mati आल्हा छंद नियम  - 16 + 15 = 31 मात्रा पदांत -- गुरु लघु अतिश्योक्ति अंलकार

घाम के दिन

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चैतू रेंगत जावय गाँव । चट चट जरथे वोकर पाँव ।। रुख राई के नइहे छाँव । कँउवा बइठे करथे काँव ।। सुक्खा परगे तरिया बोर । पानी नइहे कोनों छोर ।। खोजत हावय बड़ लतखोर । जावय नदियाँ कोरे कोर ।। सबझन आज लगावव पेड़ । बारी बखरी भाँठा मेंड़ ।। झन कर संगी मन ला ढेर । नइ ते होही भारी देर ।। रुख राई ले मिलही छाँव । दिखही सुघ्घर सबके गाँव ।। ककरो जरय नहीं तब पाँव । होही जग मा तुहरें नाँव ।। महेन्द्र देवांगन माटी पंडरिया छत्तीसगढ़ Mahendra Dewangan Mati चौपई छंद मात्रा  -- 15 + 15 = 30 पदांत -- गुरु लघु

पानी अनमोल हे

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पानी हावय बड़ अनमोल । फोकट के तैं नल झन खोल ।।  राखव बचा बचा के आज । सबके बनही तब जी काज ।। पानी बिन जिनगी बेकार । हो जाही सबझन लाचार ।। मछरी जइसे तड़पे प्रान , सबके निकल जही गा जान ।। नदियाँ नरवा तरिया बोर , बिहना ले होवत हे शोर ।। पानी बर भौजी हा जाय । लड़ई झगरा करके लाय ।। एक कोस मा रामू जाय । काँवर धरके पानी लाय ।। थक के वोहा बड़ सुरताय । भौजी हा अब्बड़ चिल्लाय ।। महेन्द्र देवांगन माटी पंडरिया छत्तीसगढ़ 8602407353 Mahendra Dewangan Mati चौपई छंद विधान- -- मात्रा  -- 15 , 15 = 30 4 चरण अंत में गुरु लघु

नाम बड़े दर्शन छोटे

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जय गंगान ................... कइसे कइसे हावय नाम । नाम बरोबर नइहे काम ।। कतको झन करथे बदनाम । कोनों करय नहीं आराम ।। दान वीर हा माँगे भीख । लेख राम के मुड़ मा लीख ।। कोमल हावय बहुते ढीठ । मनराखन नइ बोलय मीठ ।। नैन सिंग के नइहे नैन । चैन सिंग ला नइहे चैन ।। पान सिंग नइ खावय पान । दानी राम करय नइ दान ।। सरवन हा नइ मानय बात । दाई ला मारय गा लात ।। घूम घूम के वोहर खात । घर मा झगरा रोज मतात ।। आशा के तैं झन कर आस । खुशबू बाई मारय बास ।। लक्ष्मी बाई लानय घास । रानी के नइहे गा दास ।। नाम बड़े हे दर्शन छोट । मन मा हावय कतको खोट ।। रोज भिखारी गिनथे नोट । कोटवार कर नइहे कोट ।। महेन्द्र देवांगन माटी पंडरिया छत्तीसगढ़ Mahendra Dewangan Mati चौपई छंद ( जयकरी , जयकारी , बसदेवा गीत भी कहे जाथे ) नियम  -- 15 + 15 = 30 मात्रा  सबो लाइन शुरवात द्वि कल से होना चाहिए पदांत -- गुरु लघु

बासी ( चौपई छंद)

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बासी खा ले मिरचा संग । झन करबे तै मोला तंग ।। बढ़ जाही रे तोर उमंग । करबे झन काँही उतलंग ।। खा ले बासी बिहना बोर । मुनगा संग बरी के झोर ।। राँधे हावय दाई तोर । फोकट के झन दाँत निपोर ।। बिहना ले उठथे मजदूर । खा के बासी जाथे दूर । चटनी अउ आमा के कूर । मेहनत करय तब भरपूर ।। अब्बड़ परत हवय जी  घाम । चट चट जरही सबके चाम ।। खा के बासी करबे काम। सिरतो मा मिलही आराम। खावय जे बासी अमचूर । पाय विटामिन वो भरपूर ।। बीमारी सब होवय दूर ।  होवय नहीं कभू मजबूर ।। बासी खावय हमर सियान । बाँटय वोहर सबला ज्ञान ।। लइका मन बर देवय ध्यान । सबझन के करथे कल्यान ।। खावय चैतू चाँटय हाथ । भोंदू देवय वोकर साथ ।। पकलू देखय पीटय माथ । अक्कल दे दे भोलेनाथ ।। बासी खावत "माटी "आज । डारे हावय मिरचा प्याज ।। खाये मा हे काबर लाज । चटनी बासी सबके ताज ।। महेन्द्र देवांगन माटी पंडरिया छत्तीसगढ़ Mahendra Dewangan Mati चौपई छंद विधान  -- 15 , 15 = 30 मात्रा चरन -- 4 पदांत --- गुरु लघु शुरुवात द्वि कल से होना चाहिये ।

मतदान जरुर करव

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हमर भारत देश ह संसार के सबले बड़े लोकतंत्र देश हरे । इंहा चुनाव के माध्यम से मुखिया चुने जाथे । जेन पार्टी ला सबले जादा वोट मिलथे उही पार्टी के  आदमी मुख्यमंत्री  अउ प्रधानमंत्री बनथे । मताधिकार- ---- हमर देश में मताधिकार या वोट डारे के काम 18 साल या 18 ले जादा के महिला पुरुष मन कर सकथे । मतदाता जागरुकता कार्यक्रम  ------- चुनाव आयोग द्वारा चुनाव के समय में मतदाता जागरुकता कार्यक्रम चलाय जाथे । ताकि हर आदमी अपन वोट के सही उपयोग कर सके । ये कार्यक्रम चलाय जाना भी बहुत जरुरी हे । एक एक वोट के बहुत महत्व होथे । एक वोट से आदमी के हार अउ जीत होथे । एकर सेती हर आदमी ला वोट देना बहुत  जरुरी हे । चुनाव आयोग के द्वारा हर साल 25 जनवरी के दिन राष्ट्रीय मतदाता दिवस के रुप में मनाये जाथे । एकर इही उद्देश्य हे कि गाँव  - गाँव के हर नागरिक अपन कर्तव्य के प्रति जागरूक मतदाता बने अउ सही आदमी के चुनाव कर सके । मतदाता जागरुकता काबर जरुरी हे -------- मतदाता जब जागरूक होही तभे वोहर सही  आदमी के चुनाव कर सकथे । अक्सर गाँव में देखे जाथे के बहुत कम वोट डारे जाथे । वोला चुनाव से कोनों मतलब नइ रहय ।

नक्सल वादी

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(आल्हा छंद) जीना मुश्किल हो गे संगी , कइसे बचही अब तो प्रान । नक्सल वादी हमला करके , लेवत हावय सबके जान ।। जंगल भीतर खुसरे हावय , छूप छूप के करथे वार । पुलिस सिपाही नेता मन ला , मौका पा के देथे मार ।। गोला बारुद बम अउ बंदुक , कइसे पाथे ये हथियार । आका बनके बइठे कोनों  , हावय जउन हा मददगार ।। बढ़गे हावय नक्सल वादी , सेना ला अब देवव छूट । मार भगावव बैरी मन ला , जनता ले जे करथे लूट ।। छेंक छेंक के मारव अब तो , जाये झन अब कोनों भाग । नाम मिटा दो येकर मन के , गोली ऊपर गोली दाग ।। महेन्द्र देवांगन माटी पंडरिया छत्तीसगढ़ Mahendra Dewangan Mati आल्हा छंद  मात्रा  -- 16 + 15 = 31 पदांत -- गुरु लघु