तुम्हे जगाने आया हूँ
तुम्हें जगाने आया हूँ
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भारत मां के बेटे हो तुम, तुम्हे जगाने आया हूँ ।
नहीं किसी से कम हो प्यारे, ये बतलाने आया हूँ
टूट पड़ो तुम दुश्मन पर, वार न खाली जा पाये ।
अपनी सीमा रेखा से, अंदर तक न आ पाये ।
वीर शिवा के वंशज हो तुम, ये बतलाने आया हूँ
भारत मां के बेटे हो तुम, तुम्हे जगाने आया हूँ ।
आंख दिखाये जो भी दुश्मन, आंख फोड़कर रख देंगे ।
अगर उठाये हाथ कहीं तो, हाथ तोड़कर रख देंगे ।
अपने बाजू में भी दम है, ये बतलाने आया हूँ ।
भारत मां के बेटे हो तुम, तुम्हे जगाने आया हूँ ।
धूल चटा दो गद्दारों को ,जो गद्दारी करते हैं ।
धूल झोंककर आंखों में जो,अपनी जेंबे भरते हैं ।
वतन के तुम भी वफादार हो,ये बतलाने आया हूँ
भारत मां के बेटे हो तुम, तुम्हे जगाने आया हूँ ।
चुप नहीं बैठेंगे अब तो, ये संकल्प हमारा है ।
कान खोलकर सुन लो तुम भी, हिन्दुस्तान हमारा है।
नहीं देंगे काश्मीर को,ये बतलाने आया हूँ ।
भारत मां के बेटे हो तुम, तुम्हे जगाने आया हूँ ।
एक के बदले दस दस का अब, लाश बिछा के रख देंगे ।
नहीं सहेंगे तेरी हेकड़ी, नाम मिटाकर रख देंगे ।
भभक रही जो सीने मे अब,वो चिंगारी लाया हूँ
भारत मां के बेटे हो तुम, तुम्हे जगाने आया हूँ ।
समझौता कर धोखा देना, अब ये काम नहीं होगा
बहुत हो गया शांति वार्ता, अब ये बात नहीं होगा
फड़क रहा है रोम रोम अब,ये बतलाने आया हूँ ।
भारत मां के बेटे हो तुम, तुम्हे जगाने आया हूँ ।
नहीं डरेंगे हम तो अब ये,तेरे गीदड़ भभकी से ।
कुछ नहीं तुम कर सकते , घर बैठकर धमकी से।
रखते हैं हम शेर सा दिल, ये बतलाने आया हूँ
भारत मां के बेटे हो तुम, तुम्हे जगाने आया हूँ ।
भारत मां के बेटे हो तुम, तुम्हे जगाने आया हूँ ।
नहीं किसी से कम हो प्यारे, ये बतलाने आया हूँ ।
रचना
महेन्द्र देवांगन माटी
पंडरिया छत्तीसगढ़
बहुत सुंदर रचना गुरू जी 👏👏👏👏
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद भारद्वाज जी
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद भारद्वाज जी
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