छब्बीस जनवरी मनाबो

छब्बीस जनवरी मनाबो
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छब्बीस जनवरी मनाबो संगी, तिरंगा हम फहराबो ।
तीन रंग के हमर तिरंगा, एकर मान बढाबो ।
ए झंडा ल पाये खातिर, कतको जान गंवाइस।
कतको बीर बलिदान होगे, तब आजादी आइस ।
हमर तिरंगा सबले प्यारा , लहर लहर लहराबो।
छब्बीस जनवरी मनाबो संगी, तिरंगा हम फहराबो।

चंद्रशेखर आजाद भगतसिंह, जनता ल जुरियाइस
वन्दे मातरम के नारा ल, जगा जगा लगाइस ।
सुभाष चंद्र बोस ह संगी, जय हिन्द के नारा बोलाइस।
आजादी ल पाये खातिर, जनता ल जगाइस ।
वंदे मातरम के गाना ल, मिलके सबझन गाबो ।
छब्बीस जनवरी मनाबो संगी, तिरंगा हम फहराबो।

सत्य अहिंसा के बात ल , गांधी बबा बताइस ।
स्वदेशी अपनाये खातिर, चरखा खूब चलाइस ।
देश ल आजाद करे बर, सत्याग्रह अपनाइस ।
गाँव गाँव में जाके , आजादी के अलख जगाइस ।
कतका दुख ल पाइस सबझन, कइसे हम भुलाबो
छब्बीस जनवरी मनाबो संगी,तिरंगा हम फहराबो।

रचना
प्रिया देवांगन "प्रियू"
Priya Dewangan "priyu"

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