खटिया खटिया के गय जमाना, अब तो पलंग आ गे । पटवा डोरी अऊ बूच के, जमाना हा नँदागे । खटिया में बइठे बबा , ढेंरा ला आँटे । सुख दुख के गोठ ला , सबो झन कर बाँटे । सगा पहुना सबोझन, खटिया मा ब...
तोर शरण मा आँवव जय अंबे जगदंबे भवानी, तोर महिमा ला गाँवव । दरशन दे दे मोला माता, तोर शरण मा आँवव । लकलक लकलक तोर रुप हे , अष्ट भुजा अवतारी । जगत के संकट तैंहर हरथस, सबके तैं महतारी ...
पानी के दुख ************* गाँव गाँव मा पानी बर , हाहाकार होवत हे । मरत हावय पियास मा , पानी बर रोवत हे । तरिया नदियाँ कुँवा मन , जम्मो हा सुखावत हे। चलत राहय बोर हमर , उहू हा अटावत हे। अटक अटक क...
रोला छन्द पहिली सुमिरँव आज, गुरू के चरण पखारँव , जोड़त हाँवव हाथ , माथ ला अपन नवावँव । करबे किरपा नाथ , आज तँय मोला वर दे , मँय अज्ञानी ताँव , ज्ञान के झोली भर दे ।।1।। जय गणपति गणरा...
गरमी अब्बड़ बाढ़त हे , कइसे दिन ल पहाबो । गरम गरम हावा चलत हे , कूलर पंखा चलाबो।। घेरी बेरी प्यास लगत हे , पानी दिनभर पियाथे । भात ह खवाय नही जी , बासी गट गट लिलाथे। आमा के चटनी ह , ग...