मुनिया रानी
"मुनिया रानी" (बालगीत )
( चौपाई छंद )
भोली भाली मुनिया रानी । पीती थी वह दिनभर पानी ।।
दादा के सिर पर चढ़ जाती। बड़े मजे से गाना गाती ।।
दादा दादी ताऊ भैया । नाच नचाती ताता थैया।।
खेल खिलौने रोज मँगाती। हाथों अपने रंग लगाती।।
भैया से वह झगड़ा करती। पर बिल्ली से ज्यादा डरती।।
नकल सभी का अच्छा करती। नल में जाकर पानी भरती।।
दादी की वह प्यारी बेटी । साथ उसी के रहती लेटी।।
कथा कहानी रोज सुनाती। तभी नींद में वह सो जाती।।
रचनाकार
महेन्द्र देवांगन "माटी"
पंडरिया
जिला - कबीरधाम
छत्तीसगढ़
नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा सोमवार 9 नवंबर 2020 को 'उड़ीं किसी की धज्जियाँ बढ़ी किसी की शान' (चर्चा अंक- 3880) पर भी होगी।--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्त्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाए।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
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#रवीन्द्र_सिंह_यादव
बहुत प्यारी कविता !!!
ReplyDeleteThank you mam
Deleteधन्यवाद सर
ReplyDeleteबेहद प्यारी रचना .. सुन्दर चौपाई
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर सृजन।
ReplyDeleteसुन्दर रचना
ReplyDeleteधन्यवाद सर जी
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