कोरोना आल्हा छंद
कोरोना वायरस (आल्हा छंद)
फइले हे कोरोना संगी, मच गेहे गा हाहाकार।
चीन देश ले आये हावय, एकर आघू सबो लचार।।
देश बिदेश सबो जग फैलत, मनखे हावय सब परशान।
खतरा हावय अब्बड़ येहा, वैज्ञानिक मन हे हैरान ।।
हाथ मुँहू ला धोवव सुघ्घर, साबुन सोडा रोज लगाव।
साफ सफाई घर मा राखव, भीड़ भाड़ मा कभू न जाव।।
सरदी खाँसी छीक ह आथे, डाक्टर कर तुरंत ले जाव।
पानी ला उबाल के पीयव, कोरोना ला दूर भगाव।।
हाथ मिलाना छोड़व संगी, कर धुरीहा ले नमस्कार ।
मुँहू कान ला बाँध के राखव, कोरोना के होही हार।।
माँस मदिरा पीना छोड़व , ताजा भोजन घर मा खाव।
बरतो सब सवधानी भैया , कोरोना ला झन डर्राव।।
रचनाकार
महेन्द्र देवांगन माटी
पंडरिया छत्तीसगढ़
Mahendra Dewangan Mati @
जबर्दस्त भैय्या
ReplyDeleteधन्यवाद गोस्वामी जी
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