बिदाई


बिदाई
(सरसी छंद)
जावत हावय आज छोड़ के , बेटी हा ससुरार ।
रोवत हावय दाई ददा ह , करके मया दुलार ।।

सुन्ना परगे घर कुरिया हा , कइसे रात पहाय ।
सुरता करके दाई रोवय , कइसे भात खवाय ।।
तोर बिना मँय कइसे राँहव ,होगे जग अँधियार ।
रोवत हावय दाई ददा ह , करके मया दुलार ।।

मोर दुलौरिन बेटी सुघ्घर , रखबे तैंहर लाज ।
सेवा करबे सबझन के तैं , रखबे घर ला साज ।।
काम बुता मा हाथ बँटाबे , सुखी रहय परिवार ।
रोवत हावय दाई ददा ह , करके मया दुलार ।।

रचनाकार
महेन्द्र देवांगन माटी
पंडरिया छत्तीसगढ़
8602407353
Mahendra Dewangan Mati

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