कज्जल छंद
कज्जल छंद
नइहे एसो धान पान ।
रोवत हावय गा मितान ।
बूड़े करजा मा किसान ।
कइसे बचही हमर जान ।।1।।
सुक्खा हावय खेत खार ।
भुँइया मा परय दनगार ।
कइसे छुटबो अब उधार ।
माफ कर करजा सरकार ।।2।।
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लहू दान
सुन ले संगी बात मान ।
कर ले तैंहा लहू दान ।
येला सबले बड़े जान ।
बाँचे कतको के परान ।।3।।
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नशा
झनकर तैंहा नशा पान ।
येला तैंहा जहर मान ।
बोले मनखे आन तान ।
जाथे कतको के परान ।।4।।
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जंगल झाड़ी अब बचाव ।
पउधा ला के सब लगाव ।
सुघ्घर दिखही सबो गाँव ।
सुरताबो गा हमन छाँव ।।5।।
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बाढ़त हावय रोज घाम ।
चटचट जरथे हमर चाम ।
पाके रुख मा अबड़ आम ।
बेंचे ले गा मिलय दाम ।।6।।
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पेड़ लगावव खेत खार ।
छइहाँ रइही मेड़ पार ।
सुरताबे तैं बइठ यार ।
खातू कचरा बने डार ।।7।।
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महेन्द्र देवांगन माटी
पंडरिया (कवर्धा)
छत्तीसगढ़
8602407353
Mahendra Dewangan. Mati @
विधान- -----
पद संख्या --- 4
मात्रा- --- प्रत्येक पद में 14 मात्रा
तुकांत ----- चारों पद आपस में तुकांत होना चाहिए
अंत --- गुरु लघु होना चाहिए
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