Happy Doctor's day
लइका अब्बड़ पानी खेलथे,
सुरुर सुरुर तब नाक करथे ।
जुड़ खाँसी सरदी हा धरथे,
माथ पीरा मा सबझन मरथे ।
गरम गरम जब देंहें लागथे ,
रात रात भर दाई जागथे ।
मूड़ कान अउ पेट पिराथे,
तब डाक्टर कर सबझन जाथे ।
डाक्टर आथे सूजी लगाथे,
दवई टानिक के डोज बताथे ।
सब पीरा हा फुर्र हो जाथे,
खुशी खुशी मा समय बिताथे ।
Happy Doctor's day .
महेन्द्र देवांगन माटी
पंडरिया
Dist -- Kabirdham
Chhattisgarh
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