नवा साल मुबारक हो

नवा साल मुबारक हो
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बड़े मन ल नमस्कार, अऊ जहुंरिया से हाथ मिलावत हों ।
मोर डाहन ले संगी, नवा साल मुबारक हो ।
पढहैया के बुद्धि बाढहे , होवय हर साल पास ।
कर्मचारी के वेतन बाढहे , बने आदमी खास ।
नेता के नेतागिरी बाढहे , दादा के दादागिरी ।
मिलजुल के राहव संगी , झन होवव कीड़ी बीड़ी।
बैपारी के बैपार बाढहे , जादा ओकर आवक हो ।
मोर डाहन ले संगी, नवा साल मुबारक हो ।
किसान के किसानी बाढहे , राहय सदा सुख से।
मजदूर के मजदूरी बाढहे , कभू झन मरे भूख से ।
कवि के कविता बाढहे , लेखक के लेखनी ।
पत्रकार के पत्र बाढहे , संपादक के संपादकी ।
छोटे छोटे दुकानदार मन के, धन के सदा आवक हो ।
मोर डाहन ले संगी, नवा साल मुबारक हो ।
प्रेमी ल प्रेमिका मिले,  बेरोजगार ल रोजगार ।
रेंगइया ल रददा मिले , डुबत ल मददगार ।
बबा ल नाती मिले , छोकरा ल छोकरी ।
पढ़े लिखे जतका हाबे , सब ल मिले नौकरी ।
अच्छा अच्छा दिन गुजरे,  ये साल ह लाभदायक हो ।
मोर डाहन ले संगी, नवा साल मुबारक हो ।

रचना
महेन्द्र देवांगन माटी
    पंडरिया
8602407353
Mahendra Dewangan Mati @

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