जाड़ ह जनावत हे
जाड़ ह जनावत हे ************** चिरई-चिरगुन पेड़ में बइठे,भारी चहचहावत हे। सुरूर-सुरूर हवा चलत,जाड़ ह अब जनावत हे। हसिया धर के सुधा ह,खेत डाहर जावत हे। धान लुवत-लुवत दुलारी,सुघ्घर गाना गावत हे। लू-लू के धान के,करपा ल मढ़ावत हे। सुरूर-सुरूर हवा चलत ,जाड़ ह अब जनावत हे। पैरा डोरी बरत सरवन ,सब झन ल जोहारत हे। गाड़ा -बइला में जोर के सोनू ,भारा ल डोहारत हे धान ल मिंजे खातिर सुनील,मितान ल बलावत हे। सुरूर-सुरूर हवा चलत,जाड़ ह अब जनावत हे।। पानी ल छुबे त ,हाथ ह झिनझिनावत हे। मुहू में डारबे त,दांत ह किनकिनावत हे। अदरक वाला चाहा ह,बने अब सुहावत हे। सुरूर-सुरूर हवा चलत,जाड़ ह अब जनावत हे।। खेरेर-खेरेर लइका खांसत,नाक ह बोहावत हे डाक्टर कर लेग-लेग के,सूजी ल देवावत हे। आनी-बानी के गोली-पानी,अऊ टानिक ल पियावत हे। सुरूर-सुरूर हवा चलत ,जाड़ ह अब जनावत हे।। पऊर साल के सेटर ल,पेटी ले निकालत हे बांही ह छोटे होगे,लइका ह रिसावत हे। जुन्ना ल नइ पहिनो कहिके,नावा सेटर लेवावत हे।। सुरूर-सुरूर हवा चलत ,जाड़ ह अब जनावत हे।। रांधत - रांधत बहू ह,आगी ल अब तापत हे लइका ल नउहा हे त ,कुड़कुड़-कुड़कु