वंदे मातरम गाबोन
( महेन्द्र देवांगन माटी )
तीन रंग के हमर तिरंगा , शान से हम लहराबोन।
वंदे मातरम वंदे मातरम वंदे मातरम गाबोन ।।
देश हमर आजाद करे बर, कतको जान गंवाइस ।
बीर सपूत बलिदानी होगे, तब आजादी आइस ।
नइ झुकन देन हम तिरंगा , फहर फहर फहराबोन ।
वंदे मातरम वंदे मातरम वंदे मातरम गाबोन ।
सन अटठारा सौ संतावन, लक्ष्मी बाई जब आइस ।
काली बन के टूट परीस वो, सबला मजा चखाइस ।
दे दीस अपन जान के बाजी ,कइसे हम भुलाबोन ।
वंदे मातरम वंदे मातरम वंदे मातरम गाबोन ।
फिरंगी के राज में सबझन , कतका दुख ल पाइस।
राजगुरु अऊ भगत सिंह ल, फांसी मा चढाइस।
हाँसत हाँसत झूलगे झूला , कुरबानी कहां भुलाबोन ।
वंदे मातरम वंदे मातरम वंदे मातरम गाबोन ।
सत्य अहिंसा के पुजारी, गांधी बबा ह आइस ।
स्वदेशी के मान रखे बर,चरखा खूब चलाइस ।
ओकर संदेश नइ जाय बेकार , स्वच्छता ल अपनाबोन ।
वंदे मातरम वंदे मातरम वंदे मातरम गाबोन ।
आन बान अऊ शान तिरंगा, एकर मान बढाबोन ।
जान के बाजी देके अपन, एला हम बचाबोन ।
रखबो एकर लाज हमन अब ,लहर लहर लहराबोन ।
वंदे मातरम वंदे मातरम वंदे मातरम गाबोन ।
तीन रंग के हमर तिरंगा, सान से हम लहराबोन ।
वंदे मातरम वंदे मातरम वंदे मातरम गाबोन ।
रचना
महेन्द्र देवांगन माटी
पंडरिया (कवर्धा )
छत्तीसगढ़
8602407353
@ कापी राइट सुरक्षित
Mahendra Dewangan Mati
Comments
Post a Comment