सावन आया
(महेन्द्र देवांगन माटी की रचना )
सावन आया सावन आया, सब किसान के मन को भाया ।
रिमझिम रिमझिम गिरता पानी, टपके टप टप परछी छानी ।
हरा भरा सब खेत खार है , सुंदर दिखते मेंड़ पार है ।
चिखला माटी सबो सनाये , सावन में हरेली मनाये ।
लड़का लड़की गेड़ी चढ़ते, मिलजुल कर सब आगे बढ़ते ।
झूम रहे हैं सब नर नारी, झूला झूले पारी पारी ।
रचना
महेन्द्र देवांगन "माटी"
पंडरिया (कवर्धा )
छत्तीसगढ़
8602407353
Mahendradewanganmati@gmail.com
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