नशा पान
छन्न पकैया छन्न पकैया , नशा पान ला छोड़ो ।
होथे जी बीमारी अब्बड़ , एकर से मुँह मोड़ो ।।1।।
छन्न पकैया छन्न पकैया , गुटखा जेहा खाथे ।
केंसर होथे वोला संगी , अब्बड़ दुख ला पाथे ।।2।।
छन्न पकैया छन्न पकैया , नशा पान जे करथे ।
किसम किसम बीमारी होथे , जल्दी वोहा मरथे ।।3।।
छन्न पकैया छन्न पकैया , हावय जेहा आदी ।
पइसा कौड़ी कुछु नइ बाँचे , हो जाथे बरबादी ।।4।।
छन्न पकैया छन्न पकैया , पी के जेहा सुतथे ।
घोंडे रहिथे सूरा जइसे , कुकुर मुँहू मा मुतथे ।।5।।
छन्न पकैया छन्न पकैया , जेहा पीथे खाथे ।
देंह खोखला हो जाथे अउ , माटी मा मिल जाथे ।।6।।
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मात्रा ---- 16 + 12 = 28
ये हर सार छन्द के एक किसम हरे । येमा "छन्न पकैया छन्न पकैया" एक टेक बरोबर शुरु मा आथे ।
बाकी सब नियम सार छन्द के लागू होथे ।
महेन्द्र देवांगन माटी
पंडरिया (कबीरधाम )
छत्तीसगढ़
8602407353
@Mahendra Dewangan Mati
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