गणेश वंदना ( दोहे )
गणेश वंदना ( दोहा छन्द )
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पहिली पूजा तोर हे , गण नायक महराज ।
हाथ जोड़ विनती हवय , पूरा कर दे काज ।।
आये हावन तोर कर , लेके छप्पन भोग ।
सबो कष्ट ला दूर कर , माँगत हे सब लोग ।।
हाथी जइसे सूड़ हे , सूपा जइसे कान ।
सबके मन के बात ला , तेंहा लेथस जान ।।
लड्डू मोदक खाय के , मुसवा करे सवार ।
तोर बुद्धि के सामने , पाय न कोनों पार ।।
नइ जानँव जी पाठ ला , मँय बालक नादान ।
भूल चूक माफी करव, हाँवव मँय अनजान ।।
महेन्द्र देवांगन माटी
पंडरिया (कवर्धा )
छत्तीसगढ़
8602407353
Mahendra Dewangan Mati @
मात्रा 13 + 11 = 24
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