Posts

बसंती हवा

Image
बसंती हवा ************* लाल लाल फूले हे , परसा के फूल । बांधे हे पेड़ मा , झूलना ला झूल । पिंयर पिंयर दिखत हे, सरसों के खेत । गाय गरु चरत हे , करले थोकिन चेत । टप टप टपकत हावय , मऊहा के फर । बीन बीन के टूरी तैं , झंऊहा मा धर । आये हे बसंत रितु,  चलत हे बयार । मेला घूमे ला जाबोन,  रहिबे तइयार । आवत हे होली अऊ , गाबोन जी फाग । मय गाहूं गाना अऊ , तैं झोंकबे राग । मटक मटक रेंगत हे , मोटियारी टूरी । खन खन बजावत हे , हाथ के चूरी । फुरुर फुरुर चलत हे , बसंती हवा । मटकावत हे आंखी,  पहिरे कपड़ा नवा । आमा बगीचा मा, कोयली ह मारत कूक । आज मोरो मन ह , करत हे धूक धूक । महेन्द्र देवांगन माटी (बोरसी - राजिम वाले ) पंडरिया  (कवर्धा ) 8602407353 Mahendra Dewangan Mati

शिव भोला ल मनाबोन

Image
चल संगी भोला ल मनाबोन , बेलपान अऊ नरियर भेला ल चढाबोन । चल संगी भोला ल मनाबोन । नदियाँ नहाबोन अऊ दीया जलाबोन । धोवा धोवा चांउर शिव भोला मा चढाबोन । हावय अब्बड़ भीड़ भाड़, हमू लाइन लगाबोन । चल संगी भोला ल मनाबोन ................. भोले बाबा के जी , महिमा हे भारी । पूजा करत हे , सबो नर नारी । होवत हे आरती,  हमू घंटी बजाबोन । चल संगी भोला ल मनाबोन .................. औघड़ दानी हावय , अब्बड़ शिव भोला । जे मांगबे तेला , दे देही जी तोला । दूध दही पंचामृत के,  परसाद पाबोन । चल संगी भोला ल मनाबोन ................. *शिवरात्री पर्व* के बहुत बहुत *बधाई* अऊ शुभकामना । *महेन्द्र देवांगन* *माटी* 13/02/18

बर्फबारी

Image
*बर्फ बारी* ************** देखने को मिला आज, पंडरिया के इतिहास में । बर्फबारी से पट गया, सड़क दुकान आसपास में । जहाँ थे आदमी वहीं थम गए, आगे बढ न पाए । बड़े बड़े ओले की मार से , अपने आपको बचाए । सफेद चादर से ढक गया सड़क,  मोटर गाड़ी थम गए । जहाँ जहाँ तक नजरें जाती,  बर्फ वहाँ तक जम गए । कश्मीर जैसे लग रहा था,  पंडरिया का नजारा । याद रहेगा बरसों तक , ये महाशिवरात्रि का फौव्वारा । 13 फरवरी 2018 को , ये कैसा रुप दिखाया । महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर , शिव जी तांडव मचाया । *महेन्द्र देवांगन* *माटी* पंडरिया  (कवर्धा ) छत्तीसगढ़ 13/02/2018

नवा साल मुबारक हो

Image
नवा साल मुबारक हो ****************** बड़े मन ल नमस्कार, अऊ जहुंरिया से हाथ मिलावत हों । मोर डाहन ले संगी, नवा साल मुबारक हो । पढहैया के बुद्धि बाढहे , होवय हर साल पास । कर्मचारी के वेतन बाढहे , बने आदमी खास । नेता के नेतागिरी बाढहे , दादा के दादागिरी । मिलजुल के राहव संगी , झन होवव कीड़ी बीड़ी। बैपारी के बैपार बाढहे , जादा ओकर आवक हो । मोर डाहन ले संगी, नवा साल मुबारक हो । किसान के किसानी बाढहे , राहय सदा सुख से। मजदूर के मजदूरी बाढहे , कभू झन मरे भूख से । कवि के कविता बाढहे , लेखक के लेखनी । पत्रकार के पत्र बाढहे , संपादक के संपादकी । छोटे छोटे दुकानदार मन के, धन के सदा आवक हो । मोर डाहन ले संगी, नवा साल मुबारक हो । प्रेमी ल प्रेमिका मिले,  बेरोजगार ल रोजगार । रेंगइया ल रददा मिले , डुबत ल मददगार । बबा ल नाती मिले , छोकरा ल छोकरी । पढ़े लिखे जतका हाबे , सब ल मिले नौकरी । अच्छा अच्छा दिन गुजरे,  ये साल ह लाभदायक हो । मोर डाहन ले संगी, नवा साल मुबारक हो । रचना महेन्द्र देवांगन माटी     पंडरिया 8602407353 Mahendra Dewangan Mati @

मोर छत्तीसगढ़ के किसान

Image
मोर छत्तीसगढ़ के किसान, जेला कहिथे भुंइया के भगवान । भूख पियास ल सहिके संगी , उपजावत हे धान । बड़े बिहनिया सुत उठ के, नांगर धर के जाथे । रगड़ा टूटत ले काम करके, संझा बेरा घर आथे । खून पसीना एक करथे, तब मिलथे एक मूठा धान । मोर छत्तीसगढ़ के किसान, जेला कहिथे भुंइया के भगवान । छिटका कुरिया घर हाबे, अऊ पहिनथे लंगोटी । आंखी कान खुसर गेहे , चटक गेहे बोडडी । करजा हाबे ऊपर ले , बेचागे हे गहना सुता । साहूकार घर में आ आके , बनावत हे बूता । मार मार के कोड़ा, लेवत हे ओकर जान । मोर छत्तीसगढ़ के किसान, जेला कहिथे भुंइया के भगवान । महेन्द्र देवांगन "माटी "✍ प ंडरिया छत्तीसगढ़ MAHENDRA DEWANGANMATI 🐂🐃🐂🐃🐂🐃🚶🏻👳🏼

बरबाद होगे

Image
बरबाद होगे *************** बरबाद होगे भैया, दारु पी के सब बरबाद होगे । सूरा सहीं घोन्डे हाबे 2, कइसन ए अजाद होगे। बरबाद होगे बरबाद होगे भैया .............................. एक पौवा पीथे ताहन, आंखी ल देखाथे । दूसर पौवा चढथे ताहन, शेर सही गुरराथे । रंग रंग के गारी देके, झगरा ल मताथे बरबाद होगे बरबाद होगे भैया, दारु पी के सब बरबाद होगे । लोग लइका भूखन मरत, ओकर नइहे चिंता । गली गली में घूमत हाबे, होवत ओकर हिंता । करजा में बूड़े हाबे, भागत हे लुकाके । बरबाद होगे बरबाद होगे भैया, दारु पी के सब बरबाद होगे । जेब में रहिथे पइसा ताहन, अब्बड़ मटमटाथे । मुरगा मटन खाथे अऊ , चार झन ल खवाथे । मारत हे पुटानी अऊ , खेत खार बेचागे । बरबाद होगे बरबाद होगे भैया, दारु पी के सब बरबाद होगे । एकरे सेती काहत हावों , झन पीयो जी दारु । लोग लइका के चेत करले , सुन ले ग समारु । शरीर ह खोखला होके, बढ जाथे बीमारी । बरबाद होगे बरबाद होगे भैया, दारु पी के  सब बरबाद होगे । महेन्द्र देवांगन माटी    पंडरिया (कवर्धा ) छत्तीसगढ़ Mahendra Dewangan Mati @ 8602407353

माता की कृपा

Image
माता की कृपा *************** मां दुर्गा के चरणों में मैं, अपना शीश झुकाता हूँ । तेरे दर पे आकर माता, श्रद्धा के फूल चढाता हूँ । कोई न हो जग में दुखी मां , तेरी कृपा बनी रहे । बस इसी आशा से मैं, लोगों को भजन सुनता हूँ । जिस पर तेरी कृपा पड़े मां , भाग्य बदल जाता है । पल भर में ही वह मानव , रंक से राजा बन जाता है । जहां जहां तक नजरें जाती , सब पर तेरी माया है । प्रकृति का कण कण भी, तुझ पर ही बलि जाता है । तेरे दर पे आकर माता, मन का बगिया खिलता है । भूल जाता हूँ दुनियादारी, सुकून मन को मिलता है । तेरी याद में हर दिन माता, मैं ये भजन लिखता हूँ । तेरी कृपा के बिना तो माँ,  पत्ता भी न हिलता है । रचना  Mahendra Dewangan Mati महेन्द्र देवांगन "माटी"   पंडरिया (छत्तीसगढ़ ) मो नं -- 8602407353 Email - mahendradewanganmati@gmail.com