बसंती हवा ************* लाल लाल फूले हे , परसा के फूल । बांधे हे पेड़ मा , झूलना ला झूल । पिंयर पिंयर दिखत हे, सरसों के खेत । गाय गरु चरत हे , करले थोकिन चेत । टप टप टपकत हावय , मऊहा के फर । बीन बीन ...
*बर्फ बारी* ************** देखने को मिला आज, पंडरिया के इतिहास में । बर्फबारी से पट गया, सड़क दुकान आसपास में । जहाँ थे आदमी वहीं थम गए, आगे बढ न पाए । बड़े बड़े ओले की मार से , अपने आपको बचाए । स...
नवा साल मुबारक हो ****************** बड़े मन ल नमस्कार, अऊ जहुंरिया से हाथ मिलावत हों । मोर डाहन ले संगी, नवा साल मुबारक हो । पढहैया के बुद्धि बाढहे , होवय हर साल पास । कर्मचारी के वेतन बाढहे , ब...
मोर छत्तीसगढ़ के किसान, जेला कहिथे भुंइया के भगवान । भूख पियास ल सहिके संगी , उपजावत हे धान । बड़े बिहनिया सुत उठ के, नांगर धर के जाथे । रगड़ा टूटत ले काम करके, संझा बेरा घर आथे । ...
माता की कृपा *************** मां दुर्गा के चरणों में मैं, अपना शीश झुकाता हूँ । तेरे दर पे आकर माता, श्रद्धा के फूल चढाता हूँ । कोई न हो जग में दुखी मां , तेरी कृपा बनी रहे । बस इसी आशा से मैं, लो...