नवा साल

नवा साल

धरे हवय मुरगा मटन , बोतल ल हलावत हे ।
घोण्डे हावय सूरा सहीं , नवा साल मनावत हे ।
वाह रे टेसिया टूरा , गली मा मटमटावत हे ।
चुँदी हावय कुकरी पाँख , हनी सिंह जइसे कटवावत हे ।
सबो संगवारी मिल के , पिकनिक में जावत हे ।
घोण्डे हावय सूरा सही  , नवा साल मनावत हे ।

नशा पान के आदी हावय , गुटखा तंबाखू खावत हे ।
नाचत हावय डी जे में  , रंग रंग के गाना गावत हे ।
लाज शरम तो बेचा गेहे , कनिहा ला मटकावत हे ।
नाक तो पहिली ले कटा गेहे , अब कान ला छेदावत हे ।
भट्टी डाहर चुप्पे जा के , लाइन ला लगावत हे ।
घोण्डे हावय सूरा सहीं , नवा साल मनावत हे ।

यहा का जमाना आ गे , बबा हा खिसियावत हे ।
टूरा मन हा बात नइ माने , बोतल ला हलावत हे ।
धरे हे मोबाइल ला , रंग रंग के गोठियावत हे ।
टूरी टूरा हाथ धर के , कनिहा ला मटकावत हे ।
अपन संस्कृति ला भुला के , विदेशी ला अपनावत हे ।
घोण्डे हावय सूरा सहीं , नवा साल मनावत हे ।

नशा पान ला छोड़ंव संगी , सादा जीवन बीतावव ।
छोड़ विदेशी रिवाज ला , अपन संस्कृति अपनावव ।
अंग्रेजी साल छोड़ के , हिन्दू नव वर्ष मनावव ।
इंहा के रीति रिवाज ला , दुनिया में बगरावव ।
कुकरी बोकरा छोड़ के , हरा सब्जी ला खावव ।
दूसर के जीव ले के , नवा साल झन मनावव ।

महेन्द्र देवांगन "माटी"
पंडरिया  (कबीरधाम)
छत्तीसगढ़
8602407353
Mahendra Dewangan Mati @

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