बादर ह बदरावत हे
बादर ह बदरावत हे ***************** बरसा के दिन आगे संगी ,बादर ह बदरावत हे सुरूर सुरूर हावा चलत,पेड़ सबो लहरावत हे पुचुक पुचुक मेचका कूदे, पानी में टररावत हे उल्हा उल्हा पाना देखके, कोयली गाना गावत हे गडगड गडगड बादर गरजे,बछरू ह मेछरावत हे बरसा के दिन आगे संगी, बादर ह बदरावत हे। नांगर धर के सोनू कका, खेत डाहर जावत हे गाडा बइला फांद के सरवन , खातू माटी लावत हे बड़े बिहनिया ललित भैया,खातू ल बगरावत हे बरसा के दिन आगे संगी, बादर ह बदरावत हे। टपटप टपटप पानी गिरे, रेला घलो बोहावत हे कूद कूद के लइका नाचे,ओरछा में नहावत हे चिखला माटी में खेलत हाबे, दाई ह खिसयावत हे बरसा के दिन आगे संगी, बादर ह बदरावत हे।। रचना महेन्द्र देवांगन माटी 8602407353 *********************