बरसात

बरसात

बरसात का मौसम आया ,
बादल गरजे पानी लाया ।
झम झमाझम गिरे पानी,
पानी खेले गुड़िया रानी ।

चम चमाचम बिजली चमके,
छोटू छुप जाये फिर डरके ।
आसमान में काले बादल ,
दिख रहे हैं जैसे काजल ।

चुन्नू मुन्नू नाव चलाये,
दादा दादी खूब चिल्लाये ।
दोनों पानी में भीग रहे,
आक्छी आक्छी छींक रहें ।

टर्र टर्र मेढक चिल्लाये ,
पानी को फिर से बुलाये ।
पानी गिरे झम झमाझम,
नाचे गुड़िया छम छमाछम ।

चारों ओर  हरियाली छाई,
खेतों में फसलें लहलहाई ।
खुश हो गये  सभी किसान ,
मिट गई चिंता की सभी निशान ।

महेन्द्र देवांगन माटी
01/07/2017

Comments

Popular posts from this blog

तेरी अदाएँ

अगहन बिरसपति

वेलेंटटाइन डे के चक्कर