जइसी करनी वइसी भरनी ******************* करले थोकिन सेवा संगी , कमा ले तै नाम ए जिनगी के काहे ठिकाना, मत हो तै बदनाम माता पिता के सेवा करके, पाले आशीरवाद सुख से बितही जिनगी ह, नइ होवस बरबाद गूरू के सेवा करबे ते, देही तोला गियान मिलही ईज्जत सब जगा,करबे जन कलियान दीन दुखिया के सेवा करके, मारग ल तै खोल तर जाही तोर जीवन ह , राम राम तै बोल हाय हाय करत हस पइसा खातिर, काम तोर नइ आये मर जाबे त खजाना ह,संग म तोर नइ जाये जस कमा ले सेवा करके, उही ह काम आही नाम तोर रही जाही अऊ,पून्य ह संग में जाही ****************************** रचना महेन्द्र देवांगन माटी गोपीबंद पारा पंडरिया जिला - कबीरधाम ( छ ग ) मो•नं•- 8602407353 ▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪