सावन सोमवारी
सावन सोमवारी अऊ शिवजी ******************** सावन के महिना ह सबला सुघ्घर लागथे । रिमझिम रिमझिम पानी गिरत रथे अऊ किसान मन ह गाना गावत खेती किसानी में बुड़े रहिथे । उही समय में आथे सावन सोमवारी । सावन सोमवारी में शिवजी के पूजा करे में मजा आ जथे । लइका से लेके सियान तक , छोकरी से लेके डोकरी तक, सब मनखे शंकर भगवान के पूजा पाठ करथे । सावन मास ह शिव जी के प्रिय मास हरे । ए मास में पूजा करे से वोहा जल्दी खुस होथे अऊ मनवांछित फल देथे अइसे बताय जाथे । एकरे पाय पूरा भारत देस में सावन सोमवारी के दिन भोलेनाथ में जल चढाय जाथे अऊ बिसेस पूजा अरचना करे जाथे । पौरानिक मान्यता -- सोमवार उपवास के बारे में एक पौरानिक मान्यता हे कि ये पूजा ल माता पारवती ह शंकर भगवान ल अपन पति के रुप में पाय बर करत रिहिसे । एकर से खुस होके भगवान शिव ह ओला मिलगे अऊ ओकर मनोकामना पूरा होगे । एकरे पाय कुंवारी लड़की मन भी भगवान भोलेनाथ जइसे अच्छा पति मिले कहिके उपवास रहिथे अऊ पूजा पाठ करथे । कावंरिया मन के टोली -- सावन मास में शंकर जी ल जल चढ़ाय बर गांव गांव अऊ सहर सहर से कावंरिया मन टोली बनाके निकलथे । सब झन अपन अपन कां