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पर्यावरण बचाव

पर्यावरण बचाव (सरसी छन्द ) महेन्द्र देवांगन माटी  काटव झन अब जंगल झाड़ी, सबझन पेड़ लगाव । बाढ़त हवय प्रदूषण  संगी , पर्यावरण बचाव ।। मिलथे हमला जंगल ले जी, लकड़ी फर अउ फूल । किसम - किसम के दवई मिलथे, येला तैं झन भूल ।। शुद्ध हवा ला देथे जंगल  , येकर गुण ला गाव । बाढ़त हवय प्रदूषण संगी , पर्यावरण बचाव ।। कट जाही जब जम्मो रुखवा , कइसे बचही जान । तड़प - तड़प के मछरी जइसे, छूट जही जी प्राण ।। माटी के तै बात मान ले , रुखवा ला झन काट । अपन सुवारथ के सेती तैं , धरती ला झन बाँट ।। सबके प्राण बचाथे जंगल  , आगी ल झन लगाव । बाढ़त हवय प्रदूषण संगी , पर्यावरण बचाव ।। महेन्द्र देवांगन "माटी" पंडरिया  (कवर्धा ) छत्तीसगढ़  8602407353 @Mahendra Dewangan Mati  मात्रा  -- 16 , 11 = 27 विषम चरण मा 16 मात्रा अउ सम चरण मा 11 मात्रा । सम चरण के आखिर मा बड़कू नान्हे  ( 2 ,1 ) होना चाहिए ।

पर्यावरण बचाव

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पर्यावरण बचाव (सरसी छन्द ) महेन्द्र देवांगन माटी काटव झन अब जंगल झाड़ी, सबझन पेड़ लगाव । बाढ़त हवय प्रदूषण  संगी , पर्यावरण बचाव ।। मिलथे हमला जंगल ले जी, लकड़ी फर अउ फूल । किसम - किसम के दवई मिलथे, येला तैं झन भूल ।। शुद्ध हवा ला देथे जंगल  , येकर गुण ला गाव । बाढ़त हवय प्रदूषण संगी , पर्यावरण बचाव ।। कट जाही जब जम्मो रुखवा , कइसे बचही जान । तड़प - तड़प के मछरी जइसे, छूट जही जी प्राण ।। जान बूझ के झन काटव जी,  बिगड़ी सबे बनाव । बाढ़त हवय प्रदूषण ............................ माटी के तै बात मान ले , रुखवा ला झन काट । अपन सुवारथ के सेती तैं , धरती ला झन बाँट ।। सबके प्राण बचाथे जंगल  , आगी ल झन लगाव । बाढ़त हवय प्रदूषण संगी , पर्यावरण बचाव ।। महेन्द्र देवांगन "माटी" पंडरिया  (कवर्धा ) छत्तीसगढ़ 8602407353 @Mahendra Dewangan Mati मात्रा  -- 16 , 11 = 27 विषम चरण मा 16 मात्रा अउ सम चरण मा 11 मात्रा । सम चरण के आखिर मा बड़कू नान्हे  ( 2 ,1 ) होना चाहिए । जय छत्तीसगढ़ 

वंदे मातरम गाबोन

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( महेन्द्र देवांगन माटी ) तीन रंग के हमर तिरंगा , शान से हम लहराबोन। वंदे मातरम वंदे मातरम वंदे मातरम गाबोन ।। देश हमर आजाद करे बर, कतको जान गंवाइस । बीर सपूत बलिदानी होगे, तब आज...

हरेली तिहार आ गे

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हरेली तिहार आ गे (प्रिया देवांगन प्रियू ) हरेली तिहार हा आगे संगी ,  हरियाली हा छाये । रापा कुदारी धरके संगी , खेत डहर सब जाये। हरेली के तिहार ल , किसान खुशी से मनाथे । बिहनिया ले ...

नाग पंचमी

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नाग पंचमी (प्रिया देवांगन प्रियू ) नागपंचमी के तिहार हरे जी , मिलके सब मनाबो । नाग देव के पूजा करके , दूध वोला पियाबो । कोनों ल चाबे झन कहिके  , विनती  हमन करबो । फूल पान अउ दूध चढ़...

सावन आया

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(म हेन्द्र देवांगन माटी की रच ना ) सावन आया सावन आया, सब किसान के मन को भाया । रिमझिम रिमझिम गिरता पानी,  टपके टप टप परछी छानी । हरा भरा सब खेत खार है , सुंदर दिखते मेंड़ पार है । चि...

मोबाइल के जमाना

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  मोबाइल के जमाना आजकाल जेला देखबे तेला मोबाइल धरे पाबे। अइसे कोनो नइहे जेकर कर मोबाइल नइ होही। अमीर लागे न गरीब लागे, सब के पास एक से बढ़के एक माँहगा मोबाइल पाबे। बिना मोबाइ...