बादर आवय
उमड़त घुमड़त बादर आवय , गिरय झमाझम पानी । आ गे सावन महीना सँगी , चूहत परछी छानी ।। गाँव गली मा पानी भरगे, बोहावत हे रेला । लइका मन सब नाचत कूदत , खेलत हावय खेला ।। खेत खार मा चिखला मातय, धरथे अब्बड़ लेटा । दाई हा चेतावत हावय , बने रेंगबे बेटा ।। महेन्द्र देवांगन माटी पंडरिया छत्तीसगढ़ Mahendra Dewangan Mati नियम -- मात्रा 16 + 12 = 28 तुकांत के नियम --- दू दू डाँड़ मा ( सम सम चरण मा ) आखिर मा एक बड़कू ( गुरु ) या दू नान्हे (लघु ) होना चाहिए । तुकांत मा दू बड़कू (गुरु ) आये ले छन्द अउ गुरतुर हो जाथे ।